लोग कैसे कैसे...
हुस्न ए गुरुर जो मैं करूँ
तो लोग आदत बुरी कहेंगे
हिम्मत ए रौशनी जो जड़ दूँ
तो लोग सौ बातें मन की गढ़ देंगे
कायदा अजब है दुनिया का
मुरझाए फूल पर लोग पैर धर देंगे
आँख से निकलते गम के आँसू
कुछ लोगों की आँख में मोती बन चमकेंगे
चुप्पी का सबब कौन पूछे है अब
लफ़्ज़ों के रस्ते फ़रेब से मुकम्मल कर देंगे
धरती से अंबर तक के सूनेपन को ये
दुल्हन सी सजी महफ़िल सा कहर कर देंगे
कि स्वयं से दूर जो रहो तुम
तो तुम्हारी शख्सियत ये ज़हर कर देंगे
किसी कारण मशहूर हो न हो एक दिन तुम
झूठे किस्सों से ये लोग ज़माने में गदर कर देंगे...
© bindu
तो लोग आदत बुरी कहेंगे
हिम्मत ए रौशनी जो जड़ दूँ
तो लोग सौ बातें मन की गढ़ देंगे
कायदा अजब है दुनिया का
मुरझाए फूल पर लोग पैर धर देंगे
आँख से निकलते गम के आँसू
कुछ लोगों की आँख में मोती बन चमकेंगे
चुप्पी का सबब कौन पूछे है अब
लफ़्ज़ों के रस्ते फ़रेब से मुकम्मल कर देंगे
धरती से अंबर तक के सूनेपन को ये
दुल्हन सी सजी महफ़िल सा कहर कर देंगे
कि स्वयं से दूर जो रहो तुम
तो तुम्हारी शख्सियत ये ज़हर कर देंगे
किसी कारण मशहूर हो न हो एक दिन तुम
झूठे किस्सों से ये लोग ज़माने में गदर कर देंगे...
© bindu