...

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उभरना बाकी हैं ........
कोरे मन के पन्नों 📝पर कुछ शब्द उभरना बाकी हैं,
कुछ ख्वाब आने बाकी हैं, और ये पल गुजरना बाकी हैं।।😌

मैं पुष्प वलय 💐के बीच में,रखें दीये 🕯️की तरह जलती हूं,
मेरे मन के अंधेरे 🌑तल में, अभी उम्मीद के दीप 🕯️जलाना बाकी हैं।।

मन के बंजर 🏜️उपवन में, आशाओं की बहार🌨️ आना बाकी है।
मेरे उदास दिल की शाखाओं🌵 पर कुछ कोंपले फूटी हैं, बस उस पर खुशियों के फूल 🌹 आना बाकी है।।

मेरे मन के कोरे पन्नों 📄पर कुछ शब्द उभरना बाकी हैं।.....😊😇