।।...Kya baat hai ...।।
#WritcoPoemPrompt61
We always plan a life like a wonderful painting,
But sometimes, we somehow paint a foggy landscape.
Fools will lay still like a rock and never stop complaining.
But the keen will stand up and paint over a prettier shape.
दरकतों पे साफ़ लिखी है कुर्बान ए जवानी ....शोर्य गाथा गए हम किस किस की यहां ...यहां खून में रवानी सभी के वतन ए प्रस्ती की ...यहां पड़े थे कभी राम के पैर ..यहां कृष्ण ने गीता सुनाई थी ...ये धरती शूरवीरों की हैं ..यहां राणा के घोड़ों की ताप जलती थी ..यहां भाला पर्चंड कभी राणा का था ...।।यहां चढ़े सूरज देख लालिमा लाल है कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक जुट है ...यहां सम्मान में तिरंगे के आज भी ..कुर्बान जवानियां होती है ..यहां दरकतों पे आज भी साफ लिखी जाती कहनियां हैं ...ये मौसम रंगीन यूं ही नहीं बने यहां...ना जाने कितने शहीदों की चिताओं की लपटें यहां हैं..कौन मानेगा यहां चरखे से आजादी मिली है ...भगत की फांसी चंद्रशेखर की आख़िरी गोली इसकी गवाह है ...।। ये प्रतपियों की धरती यहां राजा जैसे राजे
© avtar Koundal
We always plan a life like a wonderful painting,
But sometimes, we somehow paint a foggy landscape.
Fools will lay still like a rock and never stop complaining.
But the keen will stand up and paint over a prettier shape.
दरकतों पे साफ़ लिखी है कुर्बान ए जवानी ....शोर्य गाथा गए हम किस किस की यहां ...यहां खून में रवानी सभी के वतन ए प्रस्ती की ...यहां पड़े थे कभी राम के पैर ..यहां कृष्ण ने गीता सुनाई थी ...ये धरती शूरवीरों की हैं ..यहां राणा के घोड़ों की ताप जलती थी ..यहां भाला पर्चंड कभी राणा का था ...।।यहां चढ़े सूरज देख लालिमा लाल है कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक जुट है ...यहां सम्मान में तिरंगे के आज भी ..कुर्बान जवानियां होती है ..यहां दरकतों पे आज भी साफ लिखी जाती कहनियां हैं ...ये मौसम रंगीन यूं ही नहीं बने यहां...ना जाने कितने शहीदों की चिताओं की लपटें यहां हैं..कौन मानेगा यहां चरखे से आजादी मिली है ...भगत की फांसी चंद्रशेखर की आख़िरी गोली इसकी गवाह है ...।। ये प्रतपियों की धरती यहां राजा जैसे राजे
© avtar Koundal