...

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मोहब्बत
कभी फूलों की पंखुड़ी सी शादान मोहब्बत
कभी मस्तियों में डूबी मस्तान मोहब्बत।।।

खुशी इक पल, इक उम्र अजियत की दे...
ऐसी है शोलों में लिपटी देहकान मोहब्बत।।

अक्ल ओ फहम की दिल से जंग करवाए..
ज़ालिम जैसे जंग का मैदान मोहब्बत।।।।

शोखियों को जो यकदम खामोश करा दे..
जैसे हो सारे जज़्बों की सुल्तान मोहब्बत।।

खुशी फिर दर्द, फिर दर्द तड़प और दर्द..
जैसे केवल दर्द की ही हो दास्तान मोहब्बत।।

चंचल ज़िन्दगी से शोखियों को छुड़वाए जो..
दर्द ओ तड़प से जैसे हो अनजान मोहब्बत।।

दर्द,जुदाई,तड़प, आंसू जो तोहफे में लाए..
है नुकसान मोहब्बत, दर्द का एलान मोहब्बत

आंखों से जो खून निकले अश्कों की सूरत..
उन अश्कों से लिखे दर्द का उन्वान मोहब्बत।

वो तड़प वो खुशी वो गम वो दर्द ज़िन्दगी भी
वो लबों की मुस्कान, खुशी का सामान मोहब्बत।।।



© Tahrim