...

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प्यार का एहसास
मैं तुम्हारा खुशी तो नहीं हूं शायद..
लेकिन फिर भी..
तुम्हारे दिल ने जब भी कभी..
खुशी का एहसास किया है,
होंठ मेरे मुस्कुराए हैं ....
मैं तुम्हारा ख्वाब तो नहीं हूं शायद...
लेकिन फिर भी..
तुम्हारे दिल ने जब भी कोई चाह की है
मेरी आँखों ने...न जाने क्यों,
बहुत से हसीन सपने बुन डाले हैं....
मैं तुम्हारी उम्मीद तो नहीं हूं शायद..
लेकिन फिर भी..
जब कभी शूल चुभने चाहे हैं ..
तुम्हारे पांवों में..
मेरे हाथों ने शूल को उठना चाहा है.....
मैं तुम्हारा सहारा तो नहीं हूं शायद..
लेकिन फिर भी..
जब कभी तुम्हारे पलकों में..
मोती झिलमिलाए हैं..
न जाने क्यों..
मेरी पलकें तड़प उठी हैं..
उन्हें खुद में समाने के लिए.....
मैं तुम्हारी जिंदगी तो नहीं हूं शायद..
लेकिन फिर भी..
जब कभी तुम्हारे दिल ने दर्द का एहसास किया है
मैंने मिटने की....हज़ारों बार आरज़ू की है.......!