तेरी मीरा बनु
धरा के उस छोर पर तुम हो प्रिय और इस छोर पे मैं मंद मुस्का रही|
गगन की तारिकाओं को गीन जो लिए, मेरे प्रेम को उस दिन समझ पाओगे|
धरा के उस छोर पे.....
ऑऺंखों ने तुम को ना देखा मगर मन की आंगन तुम्ही को हैं अर्पण किये|
धरा के उस छोर पे.....
साथ चलने...
गगन की तारिकाओं को गीन जो लिए, मेरे प्रेम को उस दिन समझ पाओगे|
धरा के उस छोर पे.....
ऑऺंखों ने तुम को ना देखा मगर मन की आंगन तुम्ही को हैं अर्पण किये|
धरा के उस छोर पे.....
साथ चलने...