ऐब है
कहता है जो, ज़िंदगी में ऐब है
तुम यकीं मानो, उसी में ऐब है
लोग आँखें जब कमा न पाए तो
कह रहे हैं, रोशनी में ऐब है
इक जगह पर,ये ठहरती क्यूँ नहीं
मुझको लगता है, ख़ुशी में ऐब है
आशिक़ी करने चले हो तुम मियाँ
जानते हो?,आशिक़ी में ऐब है
दिन भी कम हैं,और दिल भी तोड़ती
यानी कोई ,फरवरी में ऐब है
वक़्त मेरा ठीक अब चलता नहीं
दी हुई तेरी, घड़ी में ऐब है
भूक और औरत को देखा तो लगा
मुफ़्लिसी और बेबसी...
तुम यकीं मानो, उसी में ऐब है
लोग आँखें जब कमा न पाए तो
कह रहे हैं, रोशनी में ऐब है
इक जगह पर,ये ठहरती क्यूँ नहीं
मुझको लगता है, ख़ुशी में ऐब है
आशिक़ी करने चले हो तुम मियाँ
जानते हो?,आशिक़ी में ऐब है
दिन भी कम हैं,और दिल भी तोड़ती
यानी कोई ,फरवरी में ऐब है
वक़्त मेरा ठीक अब चलता नहीं
दी हुई तेरी, घड़ी में ऐब है
भूक और औरत को देखा तो लगा
मुफ़्लिसी और बेबसी...