जीवन धारा
बहुत गहरी नदिया है ये जीवन की धारा
खर पतवार मिले तब कश्ती को पुकारा
सफर अधूरा तय हुआ ना मिला किनारा
मिलते...
खर पतवार मिले तब कश्ती को पुकारा
सफर अधूरा तय हुआ ना मिला किनारा
मिलते...