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Corona Virus
ये कुदरत का कहर है जो कोरोना बनके आया है
संभल जाओ कि दुनियाँ का ये रोना बनके आया है

सभी एक दूसरे से अब गले मिलने से डरते हैं
महामारी है ये देखो डरावना बनके आया है

ली इसने जान जितनों की खुदा जन्नत उन्हें देदे
कि जिसके लाश से कोई लिपट के रो ना पाया है

जिसे घेरा कोरोना ने उसे अपने भुला बैठै
वो भी अपनों के खातिर यारों कितना छटपटाया है

जुलम उसपे कोरोना का कि दुनियाँ थम गई डर से
ना जाने कितने लोगों का इसी ने रिज्क खाया है

जमाने का नजारा देखकर मैंनें लिखी कविता
कमाल इस कविता को पढ़कर बहुत आँसूं बहाया है

By... Kamaal Husain ✍️
#WritcoPoemChallange
#CoronaVirus
The days too eventually fell silent,
No sounds, not even by the crows,
All you could hear was the sound of,
Fear knocking on the doors,