फरमाइए कुछ
फरमाइए कुछ
बैठे थे नदी के किनारें वो और हम,वो पलट कर चल दिए जब पूछा हमने फरमाइए कुछ, देखा उन्होंने ऐसे हमे जैसे केह रहे हो किया फरमाना है ,ये आप बताइए। हम भी हँस कर चल दिए अचानक उन्होंने थाम लिया हाथ और कहा हमसे "हम तो पूरी ज़िंदगी फरमाना चाहते है आपके पहेलु में, इज़्ज़ाज़त है हमे आप ये फरमाइए" ।
शालिनी तंवर रघुवंशी
बैठे थे नदी के किनारें वो और हम,वो पलट कर चल दिए जब पूछा हमने फरमाइए कुछ, देखा उन्होंने ऐसे हमे जैसे केह रहे हो किया फरमाना है ,ये आप बताइए। हम भी हँस कर चल दिए अचानक उन्होंने थाम लिया हाथ और कहा हमसे "हम तो पूरी ज़िंदगी फरमाना चाहते है आपके पहेलु में, इज़्ज़ाज़त है हमे आप ये फरमाइए" ।
शालिनी तंवर रघुवंशी
Related Stories