...

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दोस्ती था या प्यार ?
पता नहीं वो एहसास दोस्ती का था या फिर प्यार का
पर जो भी था बहुत खास था
तुम्हे देख कर सामने दिल को सुकून मिलता था
तुम्हे खुश देख कर मन को शांति मिलती थी
तुम्हारे लिए कुछ करने का मौका मिले तो
बस सातवे आसमान पर होती थी
तुम्हे दर्द में देख दिल बेचैन रहता था
तुम्हे मनाने का कुछ तकलीफ दूर करने का मन करता था
तुम अगर सामने से बात करलो तो पूरा दिन खुशी खुशी निकल जाती थी
तुम्हारे स्पर्श में कुछ था जो बड़ा सुकून देता था
यूं तो कोई मेरे पास आए यह मुझे मंजूर नहीं था
पर अनजाने में कब और...