...

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क्या हाल कर दिया ।
माँ मेरे बाल बिखरने भी नहीं देती थी ।
बड़े जब से हुए ।
ज़िन्दगी तूने मेरा क्या हाल कर दिया ।
अकेले शान्त खुद में ही मशरूफ थे हम ।
न शोर था न किसी से क्लेश ।
बड़े जब से हुए तूने तो बबाल कर दिया।
पहले कोई फिक्र नहीं सताती थी
क्या खायें क्या पहने कहाँ सोयें ।
बड़े जब से हुए खुद से ये सवाल कर दिया ।
पहले हुआ करती थी शामें रंगीन हमारी भी ।
न रंग बचे अब न शामें होती है ।
बड़े जब से हुए ज़िंदगी ने तो कमाल कर दिया ।
दुख,वेदना,कष्ट से परिपूर्ण है ये जीवन ।
चेहरों पर हँसी का आवरण लिए ।
बड़े जब से हुए रोना छोड़ जिंदगी को अपनी रुमाल कर दिया।
चलो विपत्ति है माना लेकिन , लड़ना छोड़ ।
हार गये तुम यूं गिरकर ।
बड़े जब से हुए परिस्थितियों ने हमें हलाल कर दिया ।
और सोच सोचकर सभी खुद के बारे
न नींद है न चैन है
बस बड़े जब से हुए विचारो पर अपने मलाल कर दिया ।

© PREET