...

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गुजरी हैं।
कभी चाहत में गुजरी,कभी इबादत में गुजरी हैं,
ज़िंदगी तो हमारी तन्हा ए रफाक़त में गुजरी हैं।

वह जो लोग समझते हैं पत्थर दिल,आवारा हमें,
कोई कहें उनसे एक शाम गहरी मोहब्ब्त में गुजरी हैं।

यह जो मैं रहता हूं गुमनाम अपने ही शौक़,ख़्वाब में,...