ये आज मेरा नहीं
रोशनी और परछाई के बीच मैं हूँ
लेकिन ये परछाई मेरी नहीं
झूठ और सच के बीच मैं हूँ
लेकिन ये सचाई मेरी नहीं
जमीन और जमीन के बीच मैं हूँ
लेकिन ये समंदर मेरा नही
भविष्य औऱ मंज़िल के बीच मैं हूँ
लेकिन ये मुकदर मेरा नहीं
पानी और किनारे के बीच मैं हूं
लेकिन ये कश्ती मेरी नहीं
नकली और असली के बीच मैं हूं...
लेकिन ये परछाई मेरी नहीं
झूठ और सच के बीच मैं हूँ
लेकिन ये सचाई मेरी नहीं
जमीन और जमीन के बीच मैं हूँ
लेकिन ये समंदर मेरा नही
भविष्य औऱ मंज़िल के बीच मैं हूँ
लेकिन ये मुकदर मेरा नहीं
पानी और किनारे के बीच मैं हूं
लेकिन ये कश्ती मेरी नहीं
नकली और असली के बीच मैं हूं...