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चाहत
जब से खबर मिली है जब से पता चला है।
मैं उसको चाहता हूं वह मुझ को चाहता है।
इजहारे इश्क का फन मुकम्मल नहीं हुआ।
मैं उसको जानता हूं वो मुझको जानता है।
दिल हैबत में है कि उनकी तस्वीर ना आई।
मैं उसको मानता हूं वो मुझ को मानता है।
दुनिया की आरजू में जब भी ए दिल फिरा।
मैं उस को रोकता हूं वह मुझको रोकता है।
© abdul qadir
मैं उसको चाहता हूं वह मुझ को चाहता है।
इजहारे इश्क का फन मुकम्मल नहीं हुआ।
मैं उसको जानता हूं वो मुझको जानता है।
दिल हैबत में है कि उनकी तस्वीर ना आई।
मैं उसको मानता हूं वो मुझ को मानता है।
दुनिया की आरजू में जब भी ए दिल फिरा।
मैं उस को रोकता हूं वह मुझको रोकता है।
© abdul qadir
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