...

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विजय भवः🕉🌞🇮🇳
मैंने खुद को ये वरदान दिया हैं,
विजय भवः🕉
सबकी असलियत को जानकर,
फिर भी अपना मानकर,
मैंने अपनों को पहचान लिया हैं,
मैंने खुद को ये वरदान दिया हैं,
विजय भवः 🕉
कदम कदम पर काँटे बिछे हैं,
देखते हुए भी मैंने कदम रखे हैं,
चुभती हैं तो सबके चुभन का एहसास होता हैं,
कठिन समय बताता हैं कितने कौन पास होता हैं,
मैंने बढ़ते रहना ठान लिया हैं,
मैंने खुद को ये वरदान दिया हैं,
विजय भवः 🕉
नियती हमारी नियत से तय होती हैं,
सच्ची हो नियत तो अवश्य विजय होती हैं,
मैंने स्वयं से स्वयं के लिए सम्मान लिया हैं,
मैंने खुद को ये वरदान दिया हैं,
विजय भवः 🕉
#संतोषी