एक अर्सा हुआ!
एक अर्सा हुआ तुम्हें सुने हुए,
यादों में तेरी जाने कितनी रातें जागी है।
बस अब इश्क नीलाम करना बाकी है,
तेरे मेरे दरमियान, अब कहा कुछ बाकी है।
मेरे एक तरफ़ा मोहब्बत की दीवार
आज भी बाकी है,
बाकी तेरी चाहत का आशियाना
अब दफ़्न करना बाकी है।
बस अब इश्क नीलाम करना बाकी है,
तेरे मेरे दरमियान, अब कहा कुछ बाकी है।
के काश आज भी तुझे मेरी याद आ जाए,
मेरे हालात हैं जो,
तेरे इश्क में तुझसे रुबरु हो जाए।
तेरी यादों का आना जाना लगा है आज भी
मेरी बर्बादीयों में
तेरी यादों का नाम लिखना...
यादों में तेरी जाने कितनी रातें जागी है।
बस अब इश्क नीलाम करना बाकी है,
तेरे मेरे दरमियान, अब कहा कुछ बाकी है।
मेरे एक तरफ़ा मोहब्बत की दीवार
आज भी बाकी है,
बाकी तेरी चाहत का आशियाना
अब दफ़्न करना बाकी है।
बस अब इश्क नीलाम करना बाकी है,
तेरे मेरे दरमियान, अब कहा कुछ बाकी है।
के काश आज भी तुझे मेरी याद आ जाए,
मेरे हालात हैं जो,
तेरे इश्क में तुझसे रुबरु हो जाए।
तेरी यादों का आना जाना लगा है आज भी
मेरी बर्बादीयों में
तेरी यादों का नाम लिखना...