...

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रिश्तों में सियासत
ये सियासत ये रंजिशें राजनीति में ही रहने दो
यूँ रिश्तो की कस्ती को बीच मझदार में नहीं डूबने दो

सिलबट्टे पर पिसे ऐसे बाते मत बोलो
वो साफ दिल का है तो उस दिलो जहर मत घोलो

मुनासिफ नहीं तेरा यूँ रुक जाना आओ मिल कर साथ चले
हमने तो मान ली है जिंदगी तुम्हें अब तुम्हारे बिना कैसे जिए

शब्दो को मोती बना कर यूँ हम पिरोये
कब तक तेरे इंतजार में हम सुध बुध खोए



© रौशन rosi...✍️🍁