...

11 views

आगे बढ़ते जाएंगे
कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें
ये ज़िंदगी का सफर यूँ ही चलता रहे
अनजान राहों पर तारों की चादर तले
धीरे धीरे ख्वाब सारे हकीकत बनें

गिरते- संभलते, डरते घबराते
चलते जाएँ हम यूँ ही यादें बनाते
अनकहे अल्फाजों से खामोशी की हम हद तोड़ दें...