...

10 views

काश तू कविता होती
काश तू कविता होती,
वो सुंदर सा अनोखा अलफ़ाज़ होती।

तेरी रचनाओं में खोया होता,
तेरे लहज़े से भरमायां होता।

तेरी शब्दों की मीठी शीतलता,
मुझे अपनी तरफ़ आकर्षित करती।

जैसे तेरी बातों में एक अनजानी सी मुस्कान होती,
उसे समझने की कोशिश में उलझा रहता।

दर्द की शाम थम जाती, जब तेरी पंक्तियाँ पढ़ता,
कुछ लम्हों को ज़िंदगी समझ जाता, दुनिया को भूल जाता।

काश तू वो संगीत होती, जो दिल में तराने लाता,
दर्द के गुदगुदाते विचारों को,धुन में बिखेर देता।

तेरी शायरी से रूह को ज़िंदगी मिलती,
कभी अशांति को शांति मिलती, कभी हंसी को रोना मिलता।

काश तू वो तारीफ होती, जो मुस्कुराहट लाती,
जब गम के बादल छाये हों, तब रौशनी बिखराती।

काश तू कविता होती, जिसमें अर्थ बनते,
मैं तेरी कलम के साथ रहता, हर लम्हा तुझसे मुलाकात होती

काश तू कविता होती,
वो सुंदर सा अनोखा अलफ़ाज़ होती।
काश तू........
................... अलफ़ाज़ होती.
© Avinash David