...

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पालनहारा
कोई जान न पाया उसकी महिमा
वो ही सबका पालनहारा
विभिन्न रूपों में दिखता है वो
पर एक ही सबका हैभगवान
कर्मों का हिसाब रखने वाला
परिणाम वही सुनाता है
मानव की रचना करने वाला
कभी स्वयं भी इंसान बन जाता है
किसी भी रूप में सामने आकर
भले बुरे का ज्ञान कराता है
कण कण में व्याप्त है वो
जगत उसी से चलता है
न उसका आदि है और न ही अंत
अनदेखा और सर्वव्यापी है वही
सत्य, शिव और सुंदर वही है
रिश्ते नाते दिये उसी ने
उसी का रचा संसार है
उसकी मर्जी बिना पत्ता न हिलता
वही हम सबका रचनाकार।


© hemasinha