" दूध का कर्ज़ "
ऐसा क्या कसूर किया, बछड़े को ना दूध मिला ..
भटके सड़को पर, गयिया भी ! बंदे तुझको दूध पीला !!
कभी बैलगाड़ी संग तना ...
कभी हल के संग बल बना ...
चार पहिये, क्या जुड़े ! जीवन इसका कल बना ...
दर दर भटके, गंद खाया भी, गले अटके...
खेतों का, जो राजा था कभी...
फिरे हादसों का यमराज बना ...
गयिया को जिसने जना ...
मौत भी मिली, ऐसी भयानक...
थाली में, जो बीफ 🍖 बना ...
कर्ज़ !...
भटके सड़को पर, गयिया भी ! बंदे तुझको दूध पीला !!
कभी बैलगाड़ी संग तना ...
कभी हल के संग बल बना ...
चार पहिये, क्या जुड़े ! जीवन इसका कल बना ...
दर दर भटके, गंद खाया भी, गले अटके...
खेतों का, जो राजा था कभी...
फिरे हादसों का यमराज बना ...
गयिया को जिसने जना ...
मौत भी मिली, ऐसी भयानक...
थाली में, जो बीफ 🍖 बना ...
कर्ज़ !...