...

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ख्याल आमद से पहले।
कहीं किसी ख्याल में डूबी होगी
सनम मेरे इन्तेजार में डूबी होगी।

हम दोनों वाकिफ नहीं एक दूजे से
मुतमईन हु दरम्यां मोहब्बत होगी।

शब-ऐ-इन्तेजार की चाहत भी होगी
झुकी आंखों में हया भी होगी।

मत पूछ दीदार तलब कैसी होगी
मेहबूब की आमद की जब खबर होगी।

ना कोई सेहर होगी ना कोई पहर होगी
नजर से नजर की जब गुफ़्तगू होगी।
© Danish ppt