...

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जो होता है अच्छे के लिये होता है
बड़ी चाहत थी कि मैं भी इश्क कर लूं,
चांद- तारे तोड़ लाने की बाते कर लूं।
तेरी हर मुश्किलों में साथ निभाता रहूं,
जन्मों-जनम तक मैं तेरा ही रहूं।
फिर वो सुहानी सी मौसम की घड़ी आयी,
दिल में एक आशा की किरण लायी।
सोचा चलो इज़हार कर दूं आज,
दिनों बाद आयी थी हिम्मत आज।
मैंने कहा, ना जी सकूंगा तुम बिन,
तड़प रहा मैं जैसे मछली पानी बिन।
माना कि आज मैं एक गरीब किसान हूँ,
पर कभी आंसू आने न दूंगा ये वादा करता हूँ।
“अपनी औकात में रह” कहकर वो मना कर गयी,
बड़े घमण्ड से प्यार को ठुकरा वो चली गयी।
प्यार-व्यार सब अपने लिये नहीं यह सोच,
ज़िन्दगी की राह में मैं अकेला निकल पड़ा।
कुछ वर्षों बाद बंगला-गाड़ी,पैसा आ गया,
मैं अपनी जिंदगी जीना सीख गया।
वो जहां कल थी वहीं आज है,
मैंने तरक्की की ऊंचाई पा ली है।
हर अंधेरी रात बाद नया दिन आता है,
किसी ने सच ही कहा है,
जो होता है अच्छे के लिये होता है।
जो होता है अच्छे के लिये होता है।
(अमित)