...

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मुहब्बत का रंग!
मुहब्बत का रंगीन रंग मिरी जाँ पर बरसे रंग,
अज़ल हो ये बात की इस ज़बाँ पर बरसे रंग।

कब तक तिरी पैरहन सर-ए-आम रंगीन होगी,
कि इस चश्मदीद बदन के कहाँ पर बरसे रंग।

तिरी छुअन से इस कली में तो गुल आने लगें,
उस कली की छुअन के निशाँ पर बरसे रंग।

तिरी ज़ुल्फ़ों में बंधे हुए, मेरी बन्दगी के फूल,...