...

3 views

अगला पन्ना
क्यों ना आज अगला पन्ना खोला जाये
पिछले पन्ने की हर बात को उसी पने पे छोड़ा जाये क्यों ना आज अगला पन्ना खोला जाये,
अगले पन्ने पर खुशियाँ इंतज़ार कर रही है इस भरोसे पर क्यों ना हिम्मत कर के ज़िन्दगी के अगले पन्ने को खोला जाये,
जिंदगी के पिछले पन्ने पर जो दर्द और धोखा मिला है उससे डर के बैढ़ने की बजाये क्यों ना आज जिंदगी का अगला पन्ना खोला जाये, खुशियों को गले से लगाया जाये, जो बीतना था बीत गया, जो हाथ छूटना था छुट्ट गया सारी उम्र क्यों उस दर्द मैं जीना हैं, क्यों ज़िन्दगी के उसी पन्ने के दर्द को जीना हैं, क्यों ना सब कुछ भुलाकर आगे बढ़ा जाये, क्यों ना ज़िन्दगी के नए पन्ने को आज खोला जाये.
जिंदगी इस कद्र बेरहम भी नहीं की झोली मैं खुशियाँ ना डाले की इस दर्द से बाहर ना निकाले, शायद वह भी इसी इंतज़ार मैं हो की कब पन्ना पलटा जाये, जो बीत गया क्यों ना उससे भुलाया जाये, क्यों ना नया पन्ना खोला जाए.
दिल कहता हैं नए पन्ने पर खूबसूरत ज़िन्दगी इंतजार कर रही हैं, सपनों को हक़ीक़त मैं बदलने का इंतजार कर रही हैं वह भी पन्ना प्लेटने का इंतजार कर रही हैं, तो क्यों ना आज खुशियों को गले से लगाया जाए क्यों ना नई ज़िन्दगी से हाथ मिलाया जाए क्यों ना पन्ना पलटा जाए.
© नेहा शर्मा