शायद तुम लौट आओगी कुछ पल बाद
कुछ बातें कह दी
कुछ रह गई बस ख्याल में
दिल को ये तमन्ना थी कि तू कुछ बोलेगी आज
मैं ठहरा था कुछ पल वहाँ पर
शायद तू लौट आयेगी कुछ पल बाद
तुम्हें हंसाने में खुद को क्या से क्या बना लिया
तुमने मुझको कुछ भी नहीं समझा
समझने के बाद
आंख न जाने क्यों भर आयी तुमसे
बिछड़ने के बाद
मैंने तेरी मुस्कुराहट में
वक्त ठहरते देखा है...
कुछ रह गई बस ख्याल में
दिल को ये तमन्ना थी कि तू कुछ बोलेगी आज
मैं ठहरा था कुछ पल वहाँ पर
शायद तू लौट आयेगी कुछ पल बाद
तुम्हें हंसाने में खुद को क्या से क्या बना लिया
तुमने मुझको कुछ भी नहीं समझा
समझने के बाद
आंख न जाने क्यों भर आयी तुमसे
बिछड़ने के बाद
मैंने तेरी मुस्कुराहट में
वक्त ठहरते देखा है...