ekdm chup🤫🤫
बिना दर्द के भी आंख से
मेरे आंसू निकलती है।
चुपचाप सह लेता हूं
लब से उफ्फ तक ना होती है।
पास लोग भी होते है पर मुझे
किसी से शिकायत नही।
जब जब हाथ से कम्बखत
चाकू प्याज़ पर चलती है।
© Danish ppt
मेरे आंसू निकलती है।
चुपचाप सह लेता हूं
लब से उफ्फ तक ना होती है।
पास लोग भी होते है पर मुझे
किसी से शिकायत नही।
जब जब हाथ से कम्बखत
चाकू प्याज़ पर चलती है।
© Danish ppt
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