ज़िंदगी के किस्से या सबक
किस्से हम सब की ज़िंदगी में होते हैं।
जबकि जिनकी ज़िंदगी मे कहानियां होती हैं फिर वो कहाँ कहीं के होते हैं।
किस्से कहानी की अपनी अलग पहचान है।
किस्से जितने मज़ेदार और यादगार होते हैं, कहानियां उतनी भयानक और सबक़दर होती हैं।
कहानी का मज़ा तब ज़्यादा आता है जब वो मनघडंत हो,जबकि किसी इंसान की ज़िंदगी से वाकिफ़ हो तो भयंकर लगता है।
अक्सर के बार किसी की कहानी सुनने के बाद हम अक्सर यही कहते हैं अच्छा है ये काल्पनिक है,...
जबकि जिनकी ज़िंदगी मे कहानियां होती हैं फिर वो कहाँ कहीं के होते हैं।
किस्से कहानी की अपनी अलग पहचान है।
किस्से जितने मज़ेदार और यादगार होते हैं, कहानियां उतनी भयानक और सबक़दर होती हैं।
कहानी का मज़ा तब ज़्यादा आता है जब वो मनघडंत हो,जबकि किसी इंसान की ज़िंदगी से वाकिफ़ हो तो भयंकर लगता है।
अक्सर के बार किसी की कहानी सुनने के बाद हम अक्सर यही कहते हैं अच्छा है ये काल्पनिक है,...