तेरी जुल्फें
जब अचानक से तू अंग लगती है मेरे पीछे से..
तेरी रेशमी जुल्फें
बिखर जाती है मेरे शानों पे..,
अपनी जुल्फों को जरा खोलकर शामियाना कर..
कोई भटका हुआ राही चला आया है तेरे दरवाजे पे..!!
तेरी जुल्फों के हर पेंच मे
बंधे है कई सपने मेरे...
तुमने अगर इन्हे खोला तो बिखर जाएंगे...
तुम्हारी महकती हुई जुल्फों की कसम है मुझको...
इनकी खुशबू से कभी दूर नही जाउंगा...!!
दम...
तेरी रेशमी जुल्फें
बिखर जाती है मेरे शानों पे..,
अपनी जुल्फों को जरा खोलकर शामियाना कर..
कोई भटका हुआ राही चला आया है तेरे दरवाजे पे..!!
तेरी जुल्फों के हर पेंच मे
बंधे है कई सपने मेरे...
तुमने अगर इन्हे खोला तो बिखर जाएंगे...
तुम्हारी महकती हुई जुल्फों की कसम है मुझको...
इनकी खुशबू से कभी दूर नही जाउंगा...!!
दम...