तुम मिलने आना जरूर
वक़्त की ये डोर काफ़ी लंबी है
मुश्किलों और फासलों से रंगी
नज़दीकियों के दिन चार पल
और उसपर तुम रूठ जाते कभी
मैं मनाने से डरता हुआ, बेचारा...
मुश्किलों और फासलों से रंगी
नज़दीकियों के दिन चार पल
और उसपर तुम रूठ जाते कभी
मैं मनाने से डरता हुआ, बेचारा...