तुम बनिए की बेटी हो, ब्राह्मण का बेटा हूं
तुम बनिए की बेटी हो, मै ब्राह्मण का बेटा हूं,
तुम चांद सा दूर हो मुझसे मै सागर की लहर सा उठता हूं ,
तुम सागर सी ठहरी हुई, मै सरिता सा तुम तक बहता हूं ,
तुम...
तुम चांद सा दूर हो मुझसे मै सागर की लहर सा उठता हूं ,
तुम सागर सी ठहरी हुई, मै सरिता सा तुम तक बहता हूं ,
तुम...