ख़ामोशी
लबों की ख़ामोशी वो समझते नहीं
और लफ्ज़ जाया करना मुझे आता नहीं
आजमा लेंगे ख़ुद को ग़र प्यार एक सौदा है
तू ऐसी ही क़बूल है...
और लफ्ज़ जाया करना मुझे आता नहीं
आजमा लेंगे ख़ुद को ग़र प्यार एक सौदा है
तू ऐसी ही क़बूल है...