तेरे चहरे पर
गुजरा
सावन लौट आता है
तेरे चहरे पर।
जमाने भर का सकूं
पाया जाता है
एक तेरे चहरे पर।
बंद आंखों से भी
कह जाती हो
अनकही दास्तां
मेरा नाम लिखा आता है
एक तेरे चहरे पर।
© वियोगी (the writer)
सावन लौट आता है
तेरे चहरे पर।
जमाने भर का सकूं
पाया जाता है
एक तेरे चहरे पर।
बंद आंखों से भी
कह जाती हो
अनकही दास्तां
मेरा नाम लिखा आता है
एक तेरे चहरे पर।
© वियोगी (the writer)
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