पुरुष
पुरूष करता जब पौरुष है
तब जाकर पलती हैं संतान
पुरूषों की कर्म निष्ठा से
ही बचता है गृह का मान
जब पुरुष हो प्रेम में नारी के नहीं
रहता पुरुष को पुरुष होने का भान...
तब जाकर पलती हैं संतान
पुरूषों की कर्म निष्ठा से
ही बचता है गृह का मान
जब पुरुष हो प्रेम में नारी के नहीं
रहता पुरुष को पुरुष होने का भान...