सोच
सोचती हूं आज कुछ ना लिखूं...
जैसे कलम में स्याही ही न हो
वक्त को गुजर जाने की कोई जल्दी न हो...
जैसे कलम में स्याही ही न हो
वक्त को गुजर जाने की कोई जल्दी न हो...