...

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खुद से मुलाकात
हाँ खो दिया मैंने तुझे
और खुश हूँ तेरे जाने से
खुलके जी रही हूँ, मुस्करा रही हूँ
घुटन नहीं रही अब मेरे अंदर
सोचती नहीं तुम क्या सोचोगे
करती हूँ जो करना चाहती हूँ
बहुत हिम्मत लगी हैं तुझे छोड़ आगे बढ़ने में
एक अरसा लगा हैं मूझे खुदमे खुदको ढूंढ़ने में
तुम पास थे मेरे पर खुदसे दूर थी मैं
आज दूर हो तुम पर खुदके बहुत पास हूँ मैं
जमाने से कहती फिरती हूँ
तूझे खोकर खुद को पाया हैं मैंने
© K