एक दर्द और एक दुआ
एक दर्द सा है सीने में
जो हर पल उठता रहता,
उस दर्द को निकलने का
कही से रास्ता नही मिला,
इसलिए आँखो से बहा करता है।
वो तो छोड़ गए बीच सफर पर
और ये दिल आज भी
उसकी राह तका करता है।
न हमने इजहार किया था,
और न हमने प्यार किया था
फिर जाने क्यो हमें ऐसा लगा था?
मानो साँसो...
जो हर पल उठता रहता,
उस दर्द को निकलने का
कही से रास्ता नही मिला,
इसलिए आँखो से बहा करता है।
वो तो छोड़ गए बीच सफर पर
और ये दिल आज भी
उसकी राह तका करता है।
न हमने इजहार किया था,
और न हमने प्यार किया था
फिर जाने क्यो हमें ऐसा लगा था?
मानो साँसो...