पंछी की कहानी
कितना सुकून मिलता है
पक्षियों को देख कर
लेकिन वही पंछी जो कल रहते थे
हमारे घर आज डरते हैं
है हमें देखकर
डरते हैं वो कहीं छीन न ले
उनका घर उन्हें ढुंडकर
कर ना ले फिर उनका
शिकार उनेह मार कर
बस पूछना है मुझे
उन दरिंदो
से एक सवाल .....
अगर होते आज होते हम पंछी
करते वो तुम्हारा शिकार
क्या होता तुम्हारा मंज़र ...
पक्षियों को देख कर
लेकिन वही पंछी जो कल रहते थे
हमारे घर आज डरते हैं
है हमें देखकर
डरते हैं वो कहीं छीन न ले
उनका घर उन्हें ढुंडकर
कर ना ले फिर उनका
शिकार उनेह मार कर
बस पूछना है मुझे
उन दरिंदो
से एक सवाल .....
अगर होते आज होते हम पंछी
करते वो तुम्हारा शिकार
क्या होता तुम्हारा मंज़र ...