कहने दो ज़माने को
कहने दो ज़माने को, हम कर के दिखाएंगे,
न कर सका जो कोई, वो कर के दिखाएंगे।।
जुनूँ हैं, हौंसला है और साथ माँ की दुआ भी,
ज़माने को हम कारनामे हुनर के दिखाएंगे।।
सफ़र मुश्किलों भरा, राह ख़ुद ही बनानी है,
चलो साथ तुम भी तजुर्बे सफ़र के दिखाएंगे।।
बड़े दांव-पेंच लगाती हैं ज़िन्दगी हमारे साथ,
एक दिन इसे भी मात देकर के दिखाएंगे।।
आज ख़ामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं हम,
कभी तुम्हें जलवे अपने तेवर के दिखाएंगे।।
ये ज़मानें वाले गिरा-गिराकर थक जाएंगे,
हम नए-नए अंदाज में उभर के दिखाएंगे।।
©Bharat Rajpurohit✍
© भरत 'राज़'
#WritcoQuote
#zindagi
#ज़िन्दगी
#अधूरा_इंसान
#bharat_rawalwas
न कर सका जो कोई, वो कर के दिखाएंगे।।
जुनूँ हैं, हौंसला है और साथ माँ की दुआ भी,
ज़माने को हम कारनामे हुनर के दिखाएंगे।।
सफ़र मुश्किलों भरा, राह ख़ुद ही बनानी है,
चलो साथ तुम भी तजुर्बे सफ़र के दिखाएंगे।।
बड़े दांव-पेंच लगाती हैं ज़िन्दगी हमारे साथ,
एक दिन इसे भी मात देकर के दिखाएंगे।।
आज ख़ामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं हम,
कभी तुम्हें जलवे अपने तेवर के दिखाएंगे।।
ये ज़मानें वाले गिरा-गिराकर थक जाएंगे,
हम नए-नए अंदाज में उभर के दिखाएंगे।।
©Bharat Rajpurohit✍
© भरत 'राज़'
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