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दिवाली पर दीप जलाए
इस बार जब दीप जलाएं!

दीपावली यानी दीपमालिका की रात ।

उजियारा भरने को मिली एक ऐसी रात, जैसे कोई खाली कैनवास दिया गया हो हर चित्रकार को। देखें, वो क्या उकेरता है. उसके चित्र में कितने उजाले जमा होते हैं......

कहते हैं अगर आपको फूल पसंद हैं, ती बाल लगाएं कुदरती तौर पर जो उपलब्ध है. उसकी पसंद की मील लेकर या डाल से जुदा करके क्या जाहिर करना। बाल लगेगा, फूल खिलेंगे और खुद ही झूम-झूमकर बाराबों की पसंद बता देंगे। ऐसा ही एक अवसर पर्व के रूप में मिलता है, दीपावली। हर घर की सजावट बता देती है कि सजाने वाले को क्या पसंद है। उसे अमावस की इस रात को किस तरह सजाना पसंद है। अनूठी है यह रात. जी मिलती है तम के रूप में और साथ रख देती है इसे जगमगाने, सजाने के लिए रस्मों और परम्परा के रूप में कई तरीके।...