अपने .......
अपनों को बदलते देखा है मैंने.....
ज़रूरत के वक़्त ही पास आते देखा है मैंने...
हो ज़रूरत तो
हाल-समाचार पूछने आते हैं......
Calling पर बतियाते हैं........
कभी सेकेंड से मिनट
तो कभी मिनट से घंटों लगवाते हैं....
रह जाते हैं काम-काज अधूरे
और हम भाव-विहोर होकर
उन्हें अपना समझ जाते हैं.....
हो जाए जब उनका काम...
ज़रूरत के वक़्त ही पास आते देखा है मैंने...
हो ज़रूरत तो
हाल-समाचार पूछने आते हैं......
Calling पर बतियाते हैं........
कभी सेकेंड से मिनट
तो कभी मिनट से घंटों लगवाते हैं....
रह जाते हैं काम-काज अधूरे
और हम भाव-विहोर होकर
उन्हें अपना समझ जाते हैं.....
हो जाए जब उनका काम...