फिर क्या लिखें
अब ज़रुरी तो नहीं
की हम इश्क़ ही लिखें
मगर इश्क़ ना लिखें
तो तुम्हें...
की हम इश्क़ ही लिखें
मगर इश्क़ ना लिखें
तो तुम्हें...