...

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रौशनी
धीमी सी रोशनी
यादों की, हल्की सी
सोंधी सी खुशबू
बातों की, हल्की सी
सुबह की,चादर
धीमी सी रोशनी
यादों की, हल्की सी
मोटी मोटी धूप
सागर बना है
दोपहर की
कंबल सीला है
मासूम सा
सुबह सुबह कहां है
धीमी सी रोशनी
यादों की, हल्की सी
कोंपलों से होती हुई
हवाओं की
हल्की सी फुसफुसाहटें
चिड़ियों के पंखों की आहटें
मद्धम से तेज
होती रौशनी
धीमी सी रोशनी
यादों की, हल्की सी।
© Gitanjali Kumari