:- एक दिन बनूँगा जरूर :-
में रोज गिरता हूँ रोज बिखरता हूँ।
लेकिन एक दिन बनूँगा जरूर।।
आती है आंधियां अक्सर जीवन में,
जो मुझे गिरा देती हैं अपने अंतर्मन में।
आते हैं तूफान अक्सर जीवन में
जो मुझे डूबा देते है समंदर में,
लहरे मुझे वापिस किनारे पे ले आती...
लेकिन एक दिन बनूँगा जरूर।।
आती है आंधियां अक्सर जीवन में,
जो मुझे गिरा देती हैं अपने अंतर्मन में।
आते हैं तूफान अक्सर जीवन में
जो मुझे डूबा देते है समंदर में,
लहरे मुझे वापिस किनारे पे ले आती...