...

2 views

महफिल
फुरसत मिले तो आ जाना
कभी महफिल में हमारे
लोटा जाना सारे गम तुम्हारे
जितने भी हो इस दिल में तुम्हारे
ले जाना सारी खुशी
जो थी हिस्से हमारे ।

फुरसत मिले तो आ जाना
कभी महफिल में हमारे
आओ तो ले आना
अपनी तन्हाइयां भी
सुना देना अपनी रुसवाईया भी
बताना हमें तुम्हारे किस्से सारे।

फुरसत मिले तो आ जाना
कभी महफिल में हमारे
क्या तुमसे भी डरती है तुम्हारी परछाई ?
क्या रास आने लगी है तुम्है ये रुसवाई ?
बस दे जाना इन्ही कुछ
प्रश्नों के उत्तर हमारे।

फुरसत मिले तो आ जाना
कभी महफिल में हमारे
सुना है तुम्हारी भी उड़ी  है नींद
टूट चुके है सारे ख़्वाब तुम्हारे
दी है उन सबने दगा जो थे
खास तुम्हारे, साथ तुम्हारे, पास तुम्हारे ।

फुरसत मिले तो आ जाना
कभी महफिल में हमारे
साथ बिताएंगे वो हसीन शाम
लगाएंगे तुम्हारे सात एक एक जाम
नहीं याद आने देंगे तुम्हें वो नाम
बताएंगे तुम्हें तुम नही हो आम।

सही में.....तुम नही हो आम।
© All Rights Reserved