बीहड़ ईश्वर
वो
बदरंग, बेढंग, बेहया
लोग
बने बनाये रास्तों को
छोड़कर
जाने क्यों
दौड़ते -भागते रहते है
सपाट चट्टानों, अंधेरी गुफाओं में,
बीहड़ जंगलों से आये
वो बेतरतीब लोग
जिनके कान नहीं होते
मुंह अटपटा
आँखें विचित्र
बौखलाये से...
बदरंग, बेढंग, बेहया
लोग
बने बनाये रास्तों को
छोड़कर
जाने क्यों
दौड़ते -भागते रहते है
सपाट चट्टानों, अंधेरी गुफाओं में,
बीहड़ जंगलों से आये
वो बेतरतीब लोग
जिनके कान नहीं होते
मुंह अटपटा
आँखें विचित्र
बौखलाये से...