sare Jahan se acha Hindustan hamara
मज़हब के इस लड़ाई में,
इंसानों का बटवारा हो गया,
भाई –भाई न रहा, हिंदू और मुसलमान हो गया।
दोस्ती रूठी, यारी छूटी
बच्चो में भी फूट पड़ी मजहब के अब नाम की,
टूटने को है वो कड़ी जो जोड़े थी हिंदुस्तान को।
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना,
हिंदी है हम , वतन है, हिंदुस्तान हमारा,
सारे जहां से...
इंसानों का बटवारा हो गया,
भाई –भाई न रहा, हिंदू और मुसलमान हो गया।
दोस्ती रूठी, यारी छूटी
बच्चो में भी फूट पड़ी मजहब के अब नाम की,
टूटने को है वो कड़ी जो जोड़े थी हिंदुस्तान को।
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना,
हिंदी है हम , वतन है, हिंदुस्तान हमारा,
सारे जहां से...