साँझे रिश्ते
साँझे रिश्ते
हमने साँझे रिश्तों को जिया है
सूख गया है जो आज
एकल परिवार के एकांत में
हमने उस जीवन रस को
अंजुरी भर भर कर पिया है ।
गर्मी की छुट्टियों में नानी , दादी का घर ही
एकमात्र ' डेस्टिनेशन ' होता था
जो मज़ा आज किसी
हिल स्टेशन पर भी नहीं आता है
वो मज़ा उन तपती दुपहरियों में
साथियों के साथ धमाचौकड़ी
मचाने में आता था
छेदहे मटके की धार से हम
भाग कर गले मिलते थे
एक दूसरे को देखकर
दिलों के फूल खिलते थे
ममेरे , चचेरे , फुफेरे , मौसेरे
भाई बहनों के रिश्ते.....
सिमट कर रह गए हैं जो
' कज़न्स ' के दायरे...
हमने साँझे रिश्तों को जिया है
सूख गया है जो आज
एकल परिवार के एकांत में
हमने उस जीवन रस को
अंजुरी भर भर कर पिया है ।
गर्मी की छुट्टियों में नानी , दादी का घर ही
एकमात्र ' डेस्टिनेशन ' होता था
जो मज़ा आज किसी
हिल स्टेशन पर भी नहीं आता है
वो मज़ा उन तपती दुपहरियों में
साथियों के साथ धमाचौकड़ी
मचाने में आता था
छेदहे मटके की धार से हम
भाग कर गले मिलते थे
एक दूसरे को देखकर
दिलों के फूल खिलते थे
ममेरे , चचेरे , फुफेरे , मौसेरे
भाई बहनों के रिश्ते.....
सिमट कर रह गए हैं जो
' कज़न्स ' के दायरे...