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दिल के तहखाने
दिल में एक तहखाना है
जो बहुमूल्य यादों से भरा है
वो तस्वीर जिसे देख
बार बार चूमता था
वो पत्र जिसे हजारों
बार पढ़ा था जो
पढ़ते हुए याद हो गया था
पहला गुलाब का भूल
जो सूखा तो है पर
उसकी महक अभी भी
मन को यादों के महक से
भर देती है
अनगिनत यादें है इस
दिल के तहखाने में
जसे समय की धूल
अनछुई रखी हुई है
जो ये चीखकर कह
रही वो अब भी
वैसा ही है जैसा
कई साल पहले
मैंने छोड़ा था
© sushant kushwaha
जो बहुमूल्य यादों से भरा है
वो तस्वीर जिसे देख
बार बार चूमता था
वो पत्र जिसे हजारों
बार पढ़ा था जो
पढ़ते हुए याद हो गया था
पहला गुलाब का भूल
जो सूखा तो है पर
उसकी महक अभी भी
मन को यादों के महक से
भर देती है
अनगिनत यादें है इस
दिल के तहखाने में
जसे समय की धूल
अनछुई रखी हुई है
जो ये चीखकर कह
रही वो अब भी
वैसा ही है जैसा
कई साल पहले
मैंने छोड़ा था
© sushant kushwaha
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